National Tourism Day 2022: कोविड-19 महामारी के बीच जानें इस दिन का इतिहास और महत्वभारत एक समृद्ध सांस्कृतिक और पौराणिक विरासत वाला एक विविध देश है। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक, देश में देखने लायक कई खूबसूरत जगहें हैं और साथ ही ज़ायकेदार खाने का मज़ा भी लिया जा सकता है। हर पर्यटन स्थल अपने में इतिहास या पौराणिक कथाओं को समेटे हुए है, जो उन्हें और भी खास बनाता है। भारत में, पर्यटन सबसे बड़े आय वाले उद्योगों में से एक है और देश की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।राष्ट्रीय पर्यटन दिवस: इतिहास
साल 1958 में, सरकार को भारत की ओर आने वाले पर्यटन यातायात के महत्व का एहसास हुआ और उन्होंने पर्यटन का एक अलग विभाग बनाया। विभाग बनाने का उद्देश्य हमारी राष्ट्रीय विरासत को संरक्षित करना और पर्यटन स्थलों को पर्यटन के अनुकूल बनाते हुए उनकी सुंदरता को बरकरार रखने के लिए उनकी देखभाल करना था।
भारत में हर साल कई विदेशी पर्यटक आते हैं। दुनिया भर से लोग 'अतुल्य भारत' में महीनों के लिए आते हैं और इसकी प्राकृतिक सुंदरता का आनंद उठाते हैं। संस्कृति को जीवित रखने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हम 25 जनवरी को राष्ट्रीय पर्यटन दिवस मनाते हैं। हर साल इस दिन के लिए एक नई थीम चुनी जाती है। यह दिन महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पर्यटन के महत्व और इसके आर्थिक पहलुओं के बारे में जागरूकता पैदा करता है।
राष्ट्रीय पर्यटन दिवस: कोविड महामारी में हुआ नुकसान
कोविड-19 महामारी के कारण पिछले दो वर्षों में पर्यटन उद्योग पर भारी असर पड़ा है। हिमाचल प्रदेश, गोवा, उत्तराखंड और उत्तर पूर्वी राज्यों जैसे पर्यटन पर अत्यधिक निर्भर राज्यों को भारी नुकसान हुआ। इसलिए साल 2021 में, राष्ट्रीय पर्यटन दिवस का विषय रखा गया 'देखो अपना देश'। जिसका उद्देश्य देशवासियों को भारत की यात्रा करने और इसकी सुंदरता का आनंद उठाने के लिए प्रोत्साहित करना था।
राष्ट्रीय पर्यटन दिवस: थीम
इस साल, आंध्र प्रदेश में यह दिवस 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' विषय पर मनाया जाएगा। भारत सरकार ने देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस को चिह्नित करने के लिए 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' अभियान शुरू किया। भारत में कई ऐतिहासिक स्थल हैं जो बलिदान, रक्तपात, देशभक्ति और स्वतंत्रता की कहानी बयां करते हैं।
इस साल, हम सभी आशा करते हैं कि महामारी ख़त्म हो जाए और हम इतिहास को फिर जीवंत करने के लिए इन शानदार स्थानों की सुरक्षित यात्रा कर सकें।
राष्ट्रीय पर्यटन दिवस: इतिहास
साल 1958 में, सरकार को भारत की ओर आने वाले पर्यटन यातायात के महत्व का एहसास हुआ और उन्होंने पर्यटन का एक अलग विभाग बनाया। विभाग बनाने का उद्देश्य हमारी राष्ट्रीय विरासत को संरक्षित करना और पर्यटन स्थलों को पर्यटन के अनुकूल बनाते हुए उनकी सुंदरता को बरकरार रखने के लिए उनकी देखभाल करना था।
भारत में हर साल कई विदेशी पर्यटक आते हैं। दुनिया भर से लोग 'अतुल्य भारत' में महीनों के लिए आते हैं और इसकी प्राकृतिक सुंदरता का आनंद उठाते हैं। संस्कृति को जीवित रखने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हम 25 जनवरी को राष्ट्रीय पर्यटन दिवस मनाते हैं। हर साल इस दिन के लिए एक नई थीम चुनी जाती है। यह दिन महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पर्यटन के महत्व और इसके आर्थिक पहलुओं के बारे में जागरूकता पैदा करता है।
राष्ट्रीय पर्यटन दिवस: कोविड महामारी में हुआ नुकसान
कोविड-19 महामारी के कारण पिछले दो वर्षों में पर्यटन उद्योग पर भारी असर पड़ा है। हिमाचल प्रदेश, गोवा, उत्तराखंड और उत्तर पूर्वी राज्यों जैसे पर्यटन पर अत्यधिक निर्भर राज्यों को भारी नुकसान हुआ। इसलिए साल 2021 में, राष्ट्रीय पर्यटन दिवस का विषय रखा गया 'देखो अपना देश'। जिसका उद्देश्य देशवासियों को भारत की यात्रा करने और इसकी सुंदरता का आनंद उठाने के लिए प्रोत्साहित करना था।
राष्ट्रीय पर्यटन दिवस: थीम
इस साल, आंध्र प्रदेश में यह दिवस 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' विषय पर मनाया जाएगा। भारत सरकार ने देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस को चिह्नित करने के लिए 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' अभियान शुरू किया। भारत में कई ऐतिहासिक स्थल हैं जो बलिदान, रक्तपात, देशभक्ति और स्वतंत्रता की कहानी बयां करते हैं।
इस साल, हम सभी आशा करते हैं कि महामारी ख़त्म हो जाए और हम इतिहास को फिर जीवंत करने के लिए इन शानदार स्थानों की सुरक्षित यात्रा कर सकें।