व्हाइटहेड्स तब बनते हैं, जब विशेषकर सर्दियों में हमारी त्वचा में काफी समय तक तेल बना रहता है और उस तेल में गंदगी आकर इकट्ठी होती रहती है या स्किन डेड हो जाती है या फिर बैक्टीरिया की वजह से स्किन के पोर्स बंद हो जाते हैं। तो त्वचा की सतह पर गोल, छोटे और सफेद रंगों वाले धब्बों की तरह ये दिखने लगते हैं। ज्यादातर लोगों को इनसे दर्द होता है और ये भी पक जाते हैं। इन्हें दूर करने का तरीका वही है जो ब्लैकहेड्स दूर करने का तरीका है।

दरअसल जब त्वचा भांप के संपर्क में आती है तो रोमछिद्र खुल जाते हैं और व्हाइटहेड्स या सफेद मुंहासे आसानी से दूर किए जा सकते हैं लेकिन एक बात का ध्यान रखें। अगर आप सोचेंगी कि एक बार भाप देने से ये हमेशा के लिए चले जाएंगे तो ऐसा पॉसिबल नहीं।

क्योंकि भाप देने के समय पोर्स खुलते हैं लेकिन फिर बंद भी हो जाते हैं। कहने का मतलब ये है कि सिर्फ एक बार भाप लेना काफी नहीं व्हाइटहेड्स के छुटकारा पाने के लिए। इसके लिए कई बार भाप देनी चाहिए। नहाते वक्त टॉवेल को गर्म पानी से डालकर हल्का सा निचोड़ लें फिर इसे चेहरे पर रखें। ये भी भाप देने का अच्छा तरीका है। हफ्ते में एक या दो बार स्टीम जरूर लें। बहुत ज्यादा व्हाइटहेड्स हों तो आप तीन बार भी इसे ले सकती हैं।

इन्हें दूर करने के कई पारंपरिक तरीके भी हैं, जो ब्लैकहेड्स को दूर करने के लिए भी होते हैं। मसलन- लगातार खूब पानी पीएं। जंक फूड खाने से बचें। बार बार धूप में न जाएं और जब धूप से लौटकर आएं तो ठंडे पानी से चेहरा धोएं।

दिन में कम से कम दो बार फेसवॉश से चेहरा धोएं खासकर अगर पसीना आए तो।

सनस्क्रीन का इस्तेमाल गर्मियों में ही नहीं सर्दियों में भी करें।

दिन में चेहरे की न सिर्फ कम से दो बार सफाई करें।

बल्कि कच्चे दूध से भी हफ्ते में चार पांच बार चेहरा धोएं।

इन सब उपायों से व्हाइटहेड्स या सफेद मुंहासे वैसे ही चले जाते हैं, जैसे काले मुंहासे जाते हैं।